हमसे जुड़िये: NAPM का व्यक्तिगत सदस्य बने

व्यक्तियों के लिए सदस्यता मानदंड

NAPM प्रगतिशील नागरिकों और विचारशील व्यक्तियों, जो समन्वय के दृष्टिकोण से सहमत है और सभी प्रकार की असमानता, भेदभाव, उत्पीड़न और अन्याय से मुक्त एक लोकतांत्रिक, न्यायसंगत राष्ट्रीय और वैश्विक व्यवस्था की निर्माण-प्रक्रिया में हिस्सेदारी करना चाहते हैं, को NAPM के व्यक्तिगत सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करता है।  

हम विशेष रूप से युवाओं, छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, ट्रेड यूनियन सदस्यों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, कलाकारों, फ्रीलैन्सर्स, फिल्मकार, लेखकों, सामाजिक क्षेत्र के व्यक्तियों, उद्यमियों, अन्य कर्मचारियों, और स्वतंत्र जन-संगठनों व प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों आदि से जुड़े व्यक्तियों से व्यक्तिगत स्तर पर NAPM से जुड़ने का आह्वान करते हैं।

हम किसानों, श्रमिकों, आदिवासियों, दलितों, विमुक्त व घुमंतू समुदाय के सदस्यों, धार्मिक, भाषाई और जातीय अल्पसंख्यकों, महिलाओं, क्वीअर और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, विकलांग व्यक्तियों, या किसी भी हाशिए की पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को NAPM का व्यक्तिगत सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। NAPM सदस्यता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को भारत का नागरिक और 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए। सभी सदस्य गतिविधियाँ स्वयंसेवक-आधारित हैं और इनके लिए कोई भुगतान शामिल नहीं है।  

व्यक्तिगत सदस्य बनने की प्रक्रिया:

पहला चरण: आवेदन:

कोई भी व्यक्ति जो NAPM का व्यक्तिगत सदस्य बनना चाहते है, उन्हे निम्न प्रक्रिया का पालन करना है:

  1. सदस्यता फॉर्म भरें, जिसमें NAPM के वैल्यू चार्टर (दृष्टिकोण और सिद्धांत) का पालन करने का वचन शामिल है।
  2. इस लिंक (https://tinyurl.com/54p754ju) पर Google फॉर्म भरें और जमा करें, या भरे-हुए फॉर्म को membership.napm@gmail.com पर ई-मेल करे या 8281807961 पर व्हाट्सएप करें।

कृपया ई-मेल विषय / व्हाट्सएप संदेश में अपने जिले और राज्य का उल्लेख करें।

दूसरा चरण: सदस्यता की स्वीकृति:

NAPM राष्ट्रीय सदस्यता समिति (NMC) फॉर्म की जांच करेगी और संबंधित आवेदक को सदस्यता प्रमाण-पत्र जारी करेगी। यह आमतौर पर 15 दिनों के भीतर या आवेदन की तारीख से अधिकतम 30 दिनों के भीतर किया जाएगा । उक्त प्रमाण-पत्र तब तक वैध रहेगा जब तक कि NAPM द्वारा नीचे दी गई प्रक्रिया के अनुसार इसे निरस्त नहीं किया जाता है।

NAPM के व्यक्तिगत सदस्य के अधिकार और कर्तव्य:

  • , लेकिन उन्हें समन्वय में मतदान करने, मतदान में भाग लेने और चुनाव में खड़े होने का अधिकार नहीं होगा। हालांकि, इस मानदंड को बहुत सीमित और विवेकपूर्ण तरीके से, ऐसे सदस्यों के लिए बदला जा सकता है, जिन्होंने NAPM की कार्य-प्रक्रिया में महत्वपूर्ण समय और ऊर्जा का योगदान किया है। ऐसे व्यक्तियों को क्रमशः राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर संयोजकों की पूरी टीम के निर्णय के आधार पर, राष्ट्रीय या राज्य संयोजक टीम में भी शामिल किया जा सकता है।
  • सभी सदस्यों को NAPM और उसके घटकों द्वारा आयोजित बैठकों और कार्यक्रमों से सम्बंधित अपडेट ई-मेल और व्हाट्सएप पर नियमित रूप से प्राप्त होंगा। व्यक्तिगत सदस्यों को उनकी नैपुण्य के आधार पर विभिन्न उप-समूहों की सहायता करने या अपने कौशल, अनुभव और रुचियों के आधार पर, NAPM के कार्यों और अभियानों में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • व्यक्तिगत सदस्यता को जिम्मेदारी से निभाना जरूरी है और अगर कोई भी सदस्य NAPM के मूल्य चार्टर (दृष्टिकोण  और सिद्धांतों) के विपरीत आचरण करते हुए पाए जाते है, या सार्वजनिक हित के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए NAPM का उपयोग करते है, तो सदस्यता समिति (NMC) और NAPM राज्य-संयोजकों के निर्णय के आधार पर सदस्यता निरस्त की जाएगी ।इस प्रक्रिया में एक बार सुनवाई का अवसर शामिल है।

NAPM की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCC) द्वारा गठित राष्ट्रीय संयोजन समिति (NCoC) ही राष्ट्रीय सदस्यता समिति (NMC) के रूप में भी कार्य करेगा। NMC व्यक्तिगत सदस्यता की स्थिति पर NCC के समक्ष एक संक्षिप्त त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। किसी भी विवाद या अस्पष्टता के मामले में, NCC का निर्णय अंतिम और बंधनकारक होगा। 

सदस्यता के संबंध में किसी भी प्रश्न के लिए, membership.napm@gmail.com पर लिखें।

समन्वय की परिकल्पना

जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की परिकल्पना है कि असमानता, भेदभाव, लालच, शोषण और अन्याय से मुक्त, लोकतांत्रिक, न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और बराबरी पर आधारित देश और दुनिया गढ़ने की साझा प्रक्रियाओं को जन संघर्ष, प्रगतिशील संगठन और नागरिक समाज मिल कर आगे बढायें।

हमारी परिकल्पना है कि, भारत के सभी समुदायों और नागरिकों को, खासकर वंचित और शोषित समाज के लोगों को, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य मानवाधिकार और संवैधानिक प्रस्तावना में शामिल मूल्यों के आधार पर, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, पारिस्थितिक, सांकृतिक, भाषा सम्बंधित और सामुदायिक न्याय और आज़ादी पूर्णतः हासिल हों।

समन्वय एक ऐसे नए समाज का आशय करता हैं जिसमें पूँजीवाद, पित्तृसत्ता, जाति और अन्य गैर-बराबरी पर आधारित शोषक और दमनकारी ढांचे नष्ट हों और संवेदना, न्याय और सभी समुदायों और व्यक्तियों के लिए सम्मान और सम्भाव के मूल्य स्थापित हों।

समन्वय एक ऐसे साझे और देशव्यापी प्रयास की कल्पना करता है जो संवैधानिक और प्रगतिशील मूल्यों की सुरक्षा करते हुए, फासीवादी, दक्षिणपंथी और प्रतिगामी ताकतों को चुनौती दे, ताकि देश और समाज की संघीय संरचना और प्रतिरोध के अधिकार सुरक्षित रहें, और हमारे संविधान की कमियों को दूर करते हुए, जन-केंद्रित, शोषण-मुक्त, समतामूलक, न्यायसंगत, स्थाई, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण भारत का निर्माण हो।

समन्वय के सिद्धांत  

सामाजिक न्याय, भेदभाव-मुक्ति, शान्ति, पारिस्थितिकीय सततता, समता, समानता, लोकतंत्र, धर्म-निरपेक्षता, विविधता और अनेकता के मूलभूत मूल्यों को प्रति समन्वय प्रतिबद्ध है।

हर प्रकार के फासीवाद, गैर-बराबरी, लूट, शोषण और भेदभाव को चुनौती देने और ख़त्म करने के लिए समन्वय प्रतिबद्ध है, जो जाति, वर्ग, लिंग, क्षेत्र, भाषा, धर्म, नस्ल के साथ, संसाधन, जानकारी, तकनीक के आधार पर समाज को घेरा हैं।

समन्वय एक स्वायत्त मंच के रूप में, नफ़रत, असमानता, प्राकृतिक संसाधनों और श्रम की लूट के खिलाफ़ ऐसी लोकप्रिय संस्कृति रचने को तत्पर है, जो हिंसा और भेदभाव से मुक्त, समुदायों के सह-जीवन और मानव – प्रकृति के बीच समरसता पर आधारित हो।

समन्वय आज की इस केन्द्रित, कॉर्पोरेट-अनुकूल और प्रकृतिक रूप से विनाशकारी ‘विकास’ पर टिकी अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती देते हुए, एक वैकल्पिक और विकेन्द्रित उत्पादन और जीवनव्यापन की शैली की अवधारणा करता है, जो सततता, बराबरी, न्याय, समावेषण के मूल्यों पर आधारित हो और हर स्तर पर बिना भेदभाव के, लोगों की समान भागीदारी को सुनिश्चित करे।

समन्वय एक ऐसा नया विविधता-पूर्ण समाज गढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां विभिन्न विचारों, पहचानों, समुदायों, लैंगिक्ताओं, यौनिक्ताओं के लिए सम्मान और बराबरी हो।

सभी सार्वजनिक क्षेत्रों में और समन्वय की प्रक्रियाओं में भी, राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समाजों और लोगों की न्यायपूर्ण भागीदारी, प्रतिनिधित्व और सामूहिक नेतृत्व को मज़बूत करने के लिए समन्वय प्रयासरत रहेगा।

पारदर्शिता व जवाबदेही पर आधारित, विकेन्द्रित और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत कार्यरत रहने के लिए समन्वय प्रतिबद्ध है।